लड़कियों की शादी की उम्र पर आपकी राय क्या है ?

 


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भारत मे अब शादी के लिए लड़कियों की उम्र को 18 से 21 करने का प्रस्ताव पेश किया गया है। प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है और बहुत जल्द शादी से सम्बंधित कानूनों में बदलाव कर एक नया कानून बना दिया जाएगा। इसका मतलब होगा कि अब तक जहां कानून लड़को को 21 और लड़कियों को 18 की उम्र में शादी करने की इजाज़त देता था वहीं अब दोनों 21 की उम्र में शादी कर सकेंगे। अगर इससे पहले शादी की गई तो इसे 2006 के बाल विवाह निषेध अधिनियम का उल्लंघन माना जाएगा और सज़ा दी जाएगी। वैसे जब ये उम्र 18 थी तब भी सज़ा का प्रावधान था। 


बहरहाल, लड़कियों की उम्र बढ़ाए जाने को लेकर लोग दो खेमों  में बटें हुए हैं। एक खेमा वो जो इस फैसले के पक्ष में और दूसरा वो जो इसके विरोध में हैं। पक्ष वालो का कहना है कि इससे लड़कियों के ऊपर जो पढ़ाई के साथ साथ शादी का बोझ डाला जाता है, 12वी क्लीयर होते ही शादी कर दी जाती है या कॉलेज में शादी कर दी जाती थी ऐसी चीज़ें कम होंगी। पढ़ाई होने के बाद उन्हें अपने करियर के लिए अपॉरचुनिटी मिलेगी। और इससे लड़कियों और लड़कों के बीच कानूनी रूप से जेंडर इक्वालिटी भी होगी। उनका मानना है कि इससे बाल विवाह पर रोक लगेगी।  


वहीं BBC की रिपोर्ट बताती है कि, विपक्ष में जो लोग हैं उनका सीधा हमला सरकार  पर हैं। संसद में IUML यानी इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के राज्यसभा सांसद अब्दुल वहाब ने इसका विरोध किया है। उन्होंने एक स्थगन प्रस्ताव नोटिस देते हुए उसमें लिखा है, सरकार का ये फैसला मुस्लिम पर्सनल लॉ का अतिक्रमण है। वहीं लीग के ही एक सांसद ईटी मोहम्मद ने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव देते हुए कहा की, सरकार का फैसला मुस्लिम पर्सनल लॉ के ख़िलाफ़ है और यूनिफॉर्म सिविल कोड को तव्वजो दे रहा है।


AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने एक के बाद एक ट्वीट करते हुए इसका विरोध किया। उन्होंने कहा कि जब 18 वर्ष की उम्र में चाहे लड़की हो या लड़का दोनों वयस्क हैं। वो कॉन्ट्रेक्ट साइन कर सकते हैं। बिज़नेस कर सकते है यहाँ तक कि प्रधानमंत्री और MLA और MP तक चुन सकते हैं तो 18 की उम्र में शादी का फैसला या जीवनसाथी क्यों नहीं चुन सकते?


 उनका एक ट्वीट और है जो काफ़ी चर्चा में हैं, इसमें उन्होंने लिखा है, " मोदी सरकार मोहल्ले के अंकल की तरह व्यवहार कर रही है। हमें क्या खाना है, किससे और कब शादी करनी है, किस ईश्वर को मानना है और उसकी पूजा करनी है ये सब फैसले सरकार कर रही है। विडंबना है कि सरकार ने डाटा बिल में सहमति आयु 18 की हुई है। यानी 18 साल का व्यक्ति ये डिसाइड कर सकता है कि उसके डाटा का इस्तेमाल कैसे हो। तो वे क्यों नहीं चुन सकता कि उसका जीवन साथी कौंन हो ?


 हिन्दू मैरिज एक्ट 1955 (hindu marriage act), स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 (special marriage act.) पारसी मैरिज एंड डिवोर्स एक्ट 1936(parasi marriage and divorce act.), और इंडियन क्रिश्चियन मैरिज एक्ट 1872  में लड़की की शादी की उम्र 18 और लड़के की 21 तय की गई है। इन सभी में किसी विशेष धर्म को छूट नहीं दी गयी है। इन सभी कानूनों  को बनाने का उद्देश्य था कि बरसों से छोटी उम्र में शादी किये जाने की ये रीत खत्म हो। बाल विवाह खत्म हो। 


लेकिन दुख की बात है कि आज तक भारत में ये पूरी तरह खत्म नहीं हो पाया है। आज भी भारत के कई राज्यो में बाल विवाह एक परंपरा के तौर पर चली आ रही है। गुजरात के कच्छ में राबरी समुदाय के लोग उनमें से ही एक हैं।  जहां आज भी 10 , 12 साल के बच्चों की शादी कर दी जाती है। एक मीडिया रिपोर्ट में NCRB के हवाले से छपे आंकड़ें बताते हैं कि साल 2020 में देश में बाल विवाह 50 फीसदी बड़ा है। 785 मामले बाल विवाह निषेध अधिनियम के तहत पूरे देश से दर्ज किए गए हैं। जिनमे तेलंगना से 62, तमिलनाडु से 77, कर्नाटक से 184 और असम से 138 मामले सामने आए हैं।


वहीं बीते कुछ सालों में भी आंकड़ा इसी तरह का है। 2019 में 523, 2018 में 501 और 2017 में 395 मामले दर्ज किए गए हैं। पूरे मामले पर जानकारों का कहना है कि बाल विवाह में जो थोड़ी बहुत कमी आई है वो कानून से नहीं बल्कि शिक्षा से आई है। लोग इस बात के प्रति जागरूक हो रहे हैं की छोटी उम्र में शादी के दौरान लड़की न तो मानसिक तौर पर तैयार होती है बल्कि शारीरिक रूप से कमज़ोर भी होती है। ऐसे में शादी के बाद शारिरिक सम्बंध (sex) और फिर बच्चा पैदा करने में तकलीफ होती है और कई बार बच्चा पैदा करने के बाद उसकी मृत्यु तक हो जाती है। वहीं दूसरी और अगर बच जाए तो उनमें पोषक तत्वों की कमी, खून की कमी और कुपोषण देखा जाता है।


बहरहाल, कानून के इतर बाल विवाह हुए हैं, दबे छिपे तरीके से हुए है। और इस बात की कोई गारंटी नहीं है की लड़कियों के लिए शादी की नई उम्र निर्धारित होने के बाद ये नहीं होगा। महामारी में बिगड़ी अर्थव्यवस्था और जेब की तंग हालत के कारण हो सकता है की ये और जल्दी हो, और दबे छिपे तरीके से हो। जिसकी भनक किसी को कानो कान न लगे।

 last but not least अगर आप खुद एक लड़की हैं तो आपको क्या लगता है कि लड़की को शादी कब करनी चाहिए ? 18 की उम्र में या 21 की उम्र में या तब, जब वो मेंटली और फिज़िकली तैयार हो चाहे उम्र कोई भी हो ?

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