निमतला घाट (भाग 1)

 लंबे,काले और घने बाल किसे पसंद नहीं है।जब किसी लड़की की कमर तक उसकी लंबी और मोटी चोटी लटकती है तो ये उसके लिए घमंड और गुरुर से कम नहीं है।वहीं लड़को की बात करे तो उन्हें भी लंबे,घने बाल बेहद पसंद होते है।हर तीसरे लड़के की दिली तमन्ना होती है कि उसे भले ही एक बार पर अपनी प्रेमिका की ज़ुल्फो को संवारने का मौका तो मिले ही।


वैसे शॉर्ट और बॉय कट बालो के शौकीन लोग भी कम नहीं है।


रिया मोहतरमा उन्ही में से एक हैं। इनके बारे में बताने वाली सिर्फ दो ही बातें है।एक ये की रिया जे एन यू यूनिवर्सिटी से पी एच डी कर रही है।दूसरी ये की उसका विषय ग्रामीण परिवेश और अंधविश्वास से जुड़ा है।

केपम्स की कैंटीन में रिया के दोस्तो ने अपनी महफ़िल सजाई हुई थी।सभी अपने थीसिस सम

मिशन को लेकर बात कर ही रहे थे की रिया वहां आती है और एक झकास सा आइडिया अपने दोस्तों को सुनाती है।


विवेक: आर यू सिरियस रिया ? थीसिस जमा करने में सिर्फ तीन महीने बाकी है और तुम चाहती हो कि हम सब तुम्हारी रिसर्च के लिए कलकत्ता आएं।


रिया:विवेक,समझने की कोशिश करो।मेरी रिसर्च अंधविश्वास पर है और मैं अपने रिसर्च को लेकर कोई चांस नहीं लेना चाहती।


सुधा:रिया तू कहना क्या चाहती है,खुलकर बता।


रिया:मैंने राठी सर को एक बार कहते सुना था की बंगाल में काले जादू,टोना टोटका जैसी क्रियाएं लंबे समय से की जाती रही है।


सुधा:तो तुझे वहाँ काला जादू करने जाना है?


रिया:नहीं यार।


विवेक:तो किस लिए जाना है।और पहले ये बता की ये राठी सर कौन हैं?


रिया:राठी सर इतिहास के प्रोफेसर हैं।


सुधा:तो इतिहास और काले जादू का क्या लेना देना है।


रिया:चुप,चुप हो जाओ तुम दोनों और मैं जो कह रही हूं उसे ध्यान से सुनो।


रिया ने अपनी बात कहना शुरू किया।उसने सभी को बताया कि राठी सर किसी से बात कर रहे थे कि वह कलकत्ता के रहने वाले हैं।और कलकत्ता के निमतला घाट पर ये तंत्र विद्या बड़े पैमाने पर की जाती है।इतना ही नहीं उस घाट के आस पास हर आधी रात में एक खूबसूरत लड़की को देखा जाता है।उस लड़की का चेहरा हमेशा उसके लंबे काले घने बालो के पीछे छिपा रहता है।जो भी उसे देखता वो मंत्र मुग्ध हो जाता है।और उसके पीछे चलने लगता है।


सुधा:पर रिया ये सब तो बहुत डराने वाली चीज़े हैं।तुझे नहीं लगता कि प्लान ड्राप करना चाहिए।


रिया:नहीं, बिल्कुल नहीं अगर मैं ये सच्चाई जान जाऊं की वो लोग उस लड़की के पीछे कहाँ जाते हैं और बाद में उनकी लाश क्यों मिलती है?.....तो 


रिया:इन  सब से मेरा टॉपिक और इंट्रस्टिंग बन जाएगा।।


विवेक:रिया,तू अंशुल और मेघा को मना ले साथ चलने के लिए।फिर हम दोनों भी चलेंगे।।


रिया:ठीक है।


रिया अंशुल और मेघा दोनों को मना लेती है।पांचों दोस्त उसी रात प्राइवेट कार को किराये पर लेकर कलकत्ता के निमतला घाट के लिए निकल जाते हैं।

अब आप सोच रहे होंगे कि ये अंशुल और मेघा कौन है।दरअसल,अंशुल और मेघा भी रिया के दोस्त हैं।सुधा और विवेक के साथ भी अच्छे खासे घुले मिले हैं।

कहानी में रिया के बारे में मैं आपको बता चुकी हूं।लेकिन बाकी चारो दोस्तो के बारे में जानना अभी बाकी है।सुधा बॉलीवुड की दीवानी है।इसलिए फैशन डिजाइनर बनना चाहती थी।लेकिन परिवार के आगे उसकी एक न चली और स्टडी को ही कंटिन्यू करना पड़ा।विवेक के पापा एक बिजनेसमैन हैं और विवेक को भी आगे चलकर उसी को संभालना है।लेकिन विवेक के मन मे क्या है ये किसी को नहीं पता।

अब बात करते है कहानी में लेट एंट्री लेने वाले अंशुल और मेघा की। दोनों हाई प्रोफाइल बैकग्राउंड से हैं।अंशुल के पापा कलेक्टर और मेघा के पापा सुप्रीम कोर्ट में जज हैं।


दोनों एक दूसरे से बेहद प्यार करते हैं लेकिन किसी को बताते नहीं।लेकिन ये तो जग ज़ाहिर है कि दोनों एक दूसरे में हमेशा  डूबे रहते हैं।इनकी आंखों आंखों में होने वाली बातें कहाँ किसी से छिपी हैं।

एक खास बात और अंशुल को मेघा से ज़्यादा उसके लंबे बालों से इश्क है।

सिर्फ इश्क नहीं बेहद इश्क है।यहाँ तक कि प्रोपोज़ करने से पहले अंशुल ने एक लेख उसके काले और घने केशो पर सुनाया और उस दिन से दोनों साथ हो गए।


रात के लगभग साढ़े ग्यारह बजे थे।रिया और उसके दोस्तों की टोली कलकत्ता पहुंच चुकी थी।घाट से सीधे तौर पर एक किलोमीटर दूर स्थित लॉज में पांचों रुके थे।


सेपरेट कमरे न मिलने के कारण रिया ने दो कमरे बुक किए।एक अंशुल और विवेक के लिए और दूसरा मेघा,सुधा और अपने लिए।रास्ते भर रिया ड्राइवर से कलकत्ता और घाट की कहानी सुनती आई थी।

जो अब उसके ज़हन से उतरने का नाम नहीं ले रही थी।

कलकत्ता आते वक्त ड्राइवर ने रिया को बताया की कलकत्ता में काला जादू आम बात है और जिस घाट की बात रिया कर रही है उसपर तो आए दिन ऐसी क्रियाएं होती रहती है।जब रिया ने ड्राइवर से उस काले लंबे बालों वाली लड़की के बारे में जानना चाहा तो पहले वो हिचका पर रिया के बार बार कहने पर उसने बताना जारी रखा।


जब माधव(ड्राइवर) ने अपनी बात कहनी शुरू की तो कलकत्ता की खाली सड़क पर साठ कि स्पीड से दौड़ती कार में सन्नाटा सा छा गया।उसने बताना जारी रखा।मैडम जिस लड़की के बारे में आप बोल रही है वो लड़की नहीं है वो एक डायन है।जो घाट के पास मिलने वाले जवान लड़को को सम्मोहित कर उसकी बली दे देती है।फिर वो डायन और जवान और खूबसूरत हो जाती है।इतना ही नहीं अगर उसकी नज़र किसी खूबसूरत लड़की पर अटक गई तो वो उसे भी नहीं छोड़ती।


इसलिए आप सभी थोड़ा संभलकर रहिएगा।

माधव चढ़ी हुई सांसो को स्थिर कर पाता उससे पहले ही रिया ने फिर पूछा।उसके बारे में कुछ और बताइए ना।एक बात और उसकी सारी शक्ति और बलि से प्राप्त ताकत उसके काले लंबे और घने बालो में है।मेरे गांव में इससे जुड़ी कई कहानी हैं जिन्हें सुनकर ही हम बड़े हुए हैं।


रिया की उत्सुकता का अब ठिकाना न था।किसी भी हाल में अब वो उस घाट को देखना चाहती थी।रिया ने ड्राइव को गाड़ी उसी तरफ से लेने को कहा मगर लंबे सफर के कारण सभी थक गए थे इसलिए गाड़ी सीधे लॉज पर आकर रुकी।


चेक इन के बाद सभी कमरे में जा पाए उससे पहले ही रिया उतावली होकर सबसे सुबह जल्दी मिलने को कहती है।मगर लंबी थकान में चूर इंसान एक बार सो जाए तो उसे होश ही कहाँ होता हैं।



(कहानी अभी बाकी है)


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